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पर्यावरण पर निबंध

विश्व पर्यावरण दिवस – 5 जून

🍀🌿🌱🌴🌳🌲🍃🌲


हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day (WED)) मनाया जाता है। यह दिन पर्यावरण के ज्वलंत मुद्दों के बारे में आम लोगों को जागरूक करने और इस दिशा में उचित कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का प्रमुख साधन है।
देखा जाए तो ये दिन हमारे भविष्य के बारे में है। अगर हमारा पर्यावरण नहीं बचेगा तो हम भी नहीं बचेंगे। इसलिए Earth Day के साथ-साथ यह दिन बाकी सभी दिनों से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि बाकी दिन तभी मनाये जा सकते हैं जब उन्हें मनाने के लिए हम बचे रहें और विश्व पर्यावरण दिवस हमे बचाने की दिशा में एक बेहद ज़रूरी कदम है।
👉आधिकारिक तौर पर विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार 5 जून 1974 को मनाया गया और तब इसकी थीम थी – “Only One Earth”🌳
*आज धरती माँ रो रही है क्योंकि-*
👉मनुष्यों की वजह से आज जीव-जंतुओं के विलुप्त होने की दर जितना होनी चाहिए थी उससे 1000 गुना अधिक है।
👉वैज्ञानिक कहते हैं कि –
20,000 से अधिक जीव-जंतु हमेशा के लिए विलुप्त होने की कगार पर हैं।

अगर आप 90s के पहले की generation हैं तो शायद आपको याद होगा कि जब हम छोटे थे तो हमारे घरों के आस-पास ढेरों गौरैया 🐦 चहचहाया करती थीं… जब माँ छत पर गेंहू सुखाती थी तो भी गेंहू के आस-पास मंडराया करती थीं…

इसी तरह शहर के मछली बाजारों के पास ढेरों गिद्ध🦅 मंडराया करते थे…कहाँ गए ये सब…हमने मोबाइल टावर के रेडिएशन, इंसेक्टिसाइड, पेस्टिसाइड के इस्तेमाल, अंधाधुंध शिकार, प्रदुषण और ऐसी ही अन्य चीजों से इन्हें ख़त्म कर दिया….😒

और इनकी क्या बात करें…अगर Save Tiger प्रोजेक्ट ना होता तो शायद आज भारत को कोई दूसरा National Animal खोजना पड़ता!🐅
पूरे विश्व में हर साल करीब 55 लाख लोग दूषित हवा की वजह से मर जाते हैं, जो कुल मौतों का लगभग 10% है।

अकेले भारत में हर साल 12 लाख लोग ज़हरीली हवा के कारण मर जाते हैं, जिससे देश को 38अरब डॉलर का नुक्सान होता है। शायद आपको जानकार आश्चर्य हो भारत के 11 शहर दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
👉बेहिसाब पानी की बर्बादी के कारण भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है।
👉लगातार बढ़ते प्रदुषण से समुद्र भी नहीं बचे हैं…हम पर्यावरण में इतनी अधिक कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ रहे हैं कि समुद्र तक का पानी एसिडिक होता जा रहा है, हमने अपने घर बनाने के लिए इतने जंगल काट दिए हैं कि आज biodiversity बड़े खतरे में पड़ गयी है।
Fertilizer के बेहिसाब इस्तेमाल ने खेतों को इतना ज़हरीला बना दिया है कि उनमे उगने वाली सब्जियां खाने से फायदे कम और नुकसान ज्यादा हो रहे हैं।

👉Global warming अब सिर्फ बड़ी-बड़ी conferences का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि हम उसे खुद महसूस करने लगे हैं।✴️

करोड़ों सालों से जमे ग्लेशियर्स आज जितनी तेजी से पिघल रहे हैं उतनी तेजी से कभी नही पिघले थे।
👉दोस्तों, ऐसी बातों की लिस्ट इतनी लम्बी है कि सभी को यहाँ व्यक्त नहीं किया जा सकता। बस इतना समझ लीजिये कि अगर हमने पर्यावरण को बचाने के लिए अभी से प्रयास नहीं शुरू किये तो शायद बाद में हमें इसका मौका भी ना मिले और आगे आने वाली पीढियां हमे इस गलती के लिए कभी माफ़ न करें!✋
क्या कर सकते हैं हम?
ये भूल जाइए कि सरकार क्या करती है क्या नहीं करती है….पड़ोसी क्या करता है क्या नहीं करता है….परिवार साथ देता है नहीं देता है….बस अपनी responsibility लीजिये…कि मैं एक change agent बनूँगा…मैं अपने स्तर से पर्यावरण को बचाऊंगा…
🌱1. पेड़ लगाएं: ये आप अच्छी तरह से जानते हैं, पर करते नहीं हैं। एक काम करिए इस बार जब आपका बर्थडे आये या आपके बच्चे का बर्थडे आये तो उस दिन एक पेड़ लगाइए और उसका कोई नाम रखिये…आपके या आपके बच्चे के साथ उसे भी बड़ा होते देखिये!
🚫2.प्लास्टिक बैग्स को ना कहें: Shopping के लिए Polythene या plastic bags का प्रयोग बंद कर दें। और इसके लिए किसी क़ानून का इंतज़ार मत करें, खुद से ये कदम उठाएं…. सब्जी के लिए, राशन के लिए, या कुछ भी बाज़ार से लाने के लिए पेपर बैग्स या कपड़ों के बने झोलों का प्रयोग करें।
💡3. बिजली बचाएं: हम जितनी अधिक बिजली बचायेंगे उतनी कम बिजली प्रोड्यूस करनी पड़ेगी। भारत में कुल बिजली उत्पादन का लगभग 65% thermal power plants से होता है, जो कोयले का इस्तेमाल करते हैं और वातावरण में CO2, SO2 जैसी ज़हरीली गैस छोड़ते हैं.। हमारा बिजली बचाना हमारे वातावरण को बचाएगा।
🚱4 .पानी बचाएं: Ground water level दिन प्रति दिन गिरता जा रहा है पर फिर भी लोग पानी की बर्बादी पर ध्यान नहीं देते। अगर हम छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें तो काफी पानी बचा सकते हैं।
🍪5. खाना बर्बाद ना करें:
क्या आप जानते हैं-

जितना खाना पूरा इंग्लैंड खाता है उतना हम भारतीय बर्बाद कर देते हैं।

जिनता खाना हो उतना ही लें बच जाता है तो कोशिश करें कि बाद में उसे consume कर लिए जाए। अन्न की बर्बादी ना करें। जितना अधिक हम अन्न उगाते हैं उतना ही अधिक प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव पड़ता है।
🤲6. Use and throw नहीं use and reuse करें:

पिछला दौर याद करिए। हम सीमित संसाधनों के साथ रहते थे…चप्पल टूटने पर मोची के पास जाया करते थे… कपड़ा फटता था तो रफ्फू करा लिया करते थे…मशीन ख़राब हुई तो बनवा लिया करते थे…लेकिन अब लोग use and throw के कल्चर को follow करने लगे हैं। इस आदत के कारण हम बहुत सारा WASTE खड़ा करते जा रहे हैं जो पृथ्वी के वातावरण को नुक्सान पहुंचा रहा है।

सीमित संसाधनों के साथ रहने में शर्मिंदगी नहीं गर्व होना चाहिए…. सचमुच ये गर्व की बात है!
🚲7.पैदल चलें या साइकिल का प्रयोग करें: आज कल हर कोई कार या बाइक से चलना चाहता है। पड़ोस की दुकान तक भी लोग पैदल या साइकिल से नहीं जाते….लेकिन पर्यावरण के संरक्षक होने के नाते आप ऐसा करिए, और environment को green & clean बनाइये।

😊8. अन्य जीवों के लिए करुणा रखें:🤗

अपने घर की छतों में पक्षियों के पीने के लिए पानी रखें,💧 संभव हो तो street dogs और cows के लिए भी घर के सामने पानी की व्यवस्था करें। पक्षियों के लिए बर्ड नेस्ट खरीदें और उन्हें सुरक्षित जगहों पर लगाएं। आप चाहें तो पुरानी चीजों का प्रयोग करके खुद भी बर्ड नेस्ट तैयार कर सकते हैं।घर में बचा खाना यदि किसी वजह से फेंका जा रहा है तो उसे डस्टबिन में मत फेंकिये बल्कि बाहर किसी जानवर को खाने के लिए डाल दीजिये||🍪🍪🍘🍪🍘🍪🍘

बेहतर पर्यावरण के लिए पौधारोपण से अच्छा कोई विकल्प नहीं है।👍👍🍀🍀🍀

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