वायु प्रदूषण
मनुष्य शरीर 2.5 मिनट में 19 लीटर हवा अपने अंदर ले लेता है।
मनुष्य का शरीर वायु में उपस्थित ऑक्सीजन का उपयोग करता है जो रक्त के लिये आवश्यक है।ऑक्सीजन के द्वारा ही रक्त शुद्ध बना रहता है।
ये तो बात हुई वायु के महत्व और उपयोग की।
अब हम बात करते हैं वायु के प्रदूषित होने पर।
वायु के इतने आवश्यक तत्व होने के बावजूद भी आज मनुष्य ने इसे प्रदूषित कर दिया है।
वायु में धूल कण, विषैली गैस तथा अन्य अनावश्यक पदार्थों के घुल मिल जाने को वायु प्रदूषण कहते हैं।
वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत निम्न है-
1. बिजली संयंत्रों की चिमनियों से निकलने वाला धुँआ।2. यातायात साधनों से निकलने वाला धुँआ।
3. खेतों में दहन पद्धति तथा रसायनों के द्वारा।
4. आग लगने तथा भट्टियों से आने वाला धुँआ।
5. घेरलू उपकरणों जैसे फ्रीज़ ऐ.सी. से निकलने वाली CFC गैस इत्यादि।
वायु प्रदूषण के प्रभाव :-
वायु प्रदूषण से मानव जीवन ही नही अपितु सम्पूर्ण प्राणी जगत खतरे में है। वायु प्रदूषण से अनेकों घातक बिमारीयाँ होती है।एक सर्वेक्षण से पता लगा है कि जितनी मौतें मोटरसंचालित साधनों से नही होती है उससे अधिक वायु प्रदूषण से होती है।
वायु प्रदूषण से बच्चों में निमोनिया एवं अस्थमा जैसी घातक बीमारियां हो जाती है।
इन बीमारियों के अलावा भी साँस सम्बंधित तथा फेफड़ों सम्बंधित बीमारीयाँ फैलती है।
वायु प्रदूषण के रोकथाम:-
वायु प्रदूषण को नही रोका गया तो हर तरफ इसका कोहराम फेल जाएगा। जीव-जंतु तथा वनस्पतियाँ नष्ट हो जाएगी। साथ ही साथ मनुष्य जीवन भी खतरे में आ जायेगा।इसलिए आवश्यक है कि वायु प्रदूषण के लिए जरूरी रोकथाम की जाए। जो निम्न है-
1. अधिक से अधिक पेड़ पौधें लगाएं।🌱
2. सार्वजनिक यातयात साधनों का अधिक प्रयोग करें। निजी साधनों का अधिक जरूरत पड़ने पर ही प्रयोग करें।
3. सार्वजनिक क्षेत्र में कूड़ा करकट नही जलाएं।
4. अधिक धुँआ वाली फैक्टरीयों की चिमनीयाँ अधिक ऊंची बनाएं।
आपके अपने एक कदम से बहुत व्यापक सुधार आ सकता है। इसलिए जागरूक बने तथा जनता में भी वायु तथा पर्यावरण प्रदूषण के बारे में जागरुकता पैदा करें।
पेड़ लगाएं🌱
पर्यावरण बचाएं🙏
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